Saturday, July 27, 2013

सिर्फ तुम्हारे लिए



( हमारे विवाह की वर्षगांठ पर सिर्फ तुम्हारे लिए )
तेरे अधरों की मुस्कान,
भरती मेरे तन में प्राण.
जीवन की ऊर्जा हो तुम,
साँसों की सरगम की तान.

मैं सीप तुम मेरा मोती ,
मैं दीपक तुम मेरी ज्योति.
कभी पूर्ण न मैं हो पाता ,
संग मेरे जो तुम न होती.

किन्तु दुख है कि मैं तुमको,
कभी नहीं खुश रख पाया .
तुमने मुझसे पाया घाटा ,
मैंने केवल लाभ कमाया.

बस खुदा से यही प्रार्थना,
खुश रक्खे तुझको हरदम.
मेरे प्राणों की कीमत भी,
तेरी खुशी के लिए है कम.
(प्रदीप बहुगुणा दर्पण’)   

7 comments:

Unknown said...

अच्छी कविता ! वैसे हर कोई ऐसी कविता एक बार तो लिखता ही है। मैंने भी लिखी थी कभी लिंक दे रहा हूं.http://www.blogger.com/blogger.g?blogID=2265309817448497891&pli=1#allposts

Unknown said...

अच्छी कविता ! वैसे हर कोई ऐसी कविता एक बार तो लिखता ही है। मैंने भी लिखी थी कभी लिंक दे रहा हूं.http://www.blogger.com/blogger.g?blogID=2265309817448497891&pli=1#allposts

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सुंदर भाव ...स्नेह, साथ बना रहे ...शुभकामनायें

प्रतिभा सक्सेना said...


परस्पर प्रेम और प्रसन्नता से पूर्ण रहे जीवन !

Pradeep Bahuguna Darpan said...

मनोहर भाई, डा. मोनिका शर्मा जी,प्रतिभा जी... आप सब की महत्वपूर्ण टिप्पणियों के लिए बहुत बहुत आभार ....

Unknown said...

I Think ye Anita Mam ke Liye bestest gift hoga......

Alag durgesh said...

I'm always a true lover of ur creation but Here is only one problem sir ji... My bbm doesn't support hindi font