Friday, May 13, 2016

एक बाल कविता- गोपी और मिठाई


आम पपीता केला लीची 
आडू हिसार और काफल 
अमरूद चुल्लू और खुबानी 
तरह तरह के खाए फल .

इतना खाकर गोपी बोला 
पेट अभी भी भरा न भाई.
टिहरी से सिंगौरी मंगा दो 
अल्मोड़ा से बालामिठाई.
                                        -दर्पण 

1 comment:

Anonymous said...

सुन्दर ....