( हमारे विवाह की वर्षगांठ पर सिर्फ तुम्हारे लिए ) |
तेरे अधरों की मुस्कान,
भरती मेरे तन में प्राण.
जीवन की ऊर्जा हो तुम,
साँसों की सरगम की तान.
मैं सीप तुम मेरा मोती ,
मैं दीपक तुम मेरी ज्योति.
कभी पूर्ण न मैं हो पाता ,
संग मेरे जो तुम न होती.
किन्तु दुख है कि मैं तुमको,
कभी नहीं खुश रख पाया .
तुमने मुझसे पाया घाटा ,
मैंने केवल लाभ कमाया.
बस खुदा से यही प्रार्थना,
खुश रक्खे तुझको हरदम.
मेरे प्राणों की कीमत भी,
तेरी खुशी के लिए है कम.
(प्रदीप बहुगुणा ‘दर्पण’)
7 comments:
अच्छी कविता ! वैसे हर कोई ऐसी कविता एक बार तो लिखता ही है। मैंने भी लिखी थी कभी लिंक दे रहा हूं.http://www.blogger.com/blogger.g?blogID=2265309817448497891&pli=1#allposts
अच्छी कविता ! वैसे हर कोई ऐसी कविता एक बार तो लिखता ही है। मैंने भी लिखी थी कभी लिंक दे रहा हूं.http://www.blogger.com/blogger.g?blogID=2265309817448497891&pli=1#allposts
सुंदर भाव ...स्नेह, साथ बना रहे ...शुभकामनायें
परस्पर प्रेम और प्रसन्नता से पूर्ण रहे जीवन !
मनोहर भाई, डा. मोनिका शर्मा जी,प्रतिभा जी... आप सब की महत्वपूर्ण टिप्पणियों के लिए बहुत बहुत आभार ....
I Think ye Anita Mam ke Liye bestest gift hoga......
I'm always a true lover of ur creation but Here is only one problem sir ji... My bbm doesn't support hindi font
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