फोटो साभार-इंटरनेट |
विगत चार-पाँच महीनों से पूरे विश्व के लिए जी का जंजाल
बनी कोविड -19 महामारी से आज हर व्यक्ति आतंकित
है। चीन के वुहान शहर से प्रसारित इस महामारी ने समूचे विश्व को अपने पंजे में जकड़
लिया है। विश्व के कई देशों की अर्थव्यवस्थाएँ ध्वस्त होने के कगार पर हैं, स्वास्थ्य
सेवाएँ चरमरा गई हैं। बड़े पैमाने पर जिंदगियों को लील रही इस बीमारी के आगे सब कितने
लाचार हैं ,इसका अनुमान इन तथ्यों के आधार पर लगाया जा सकता है, कि अभी
तक इसका कोई उपचार घोषित नहीं हुआ है, और स्वस्थ लोग भी घरों में कैद होने पर मजबूर हो गए
हैं।
भारत में
भी 25 मार्च 2020 से सम्पूर्ण लॉकडाउन के चलते सभी लोग घरों के अंदर ही हैं। वैसे तो
हम भारतीयों की गंभीर विषयों पर भी मनोविनोद कर लेने की पुरानी आदत है। दुख सर पर हो, फिर भी
हम उत्सव मनाने के बहाने ढूंढ ही लेते हैं। हमारे मानसिक चिंतन का स्तर भी निरंतर घटता-बढ़ता
रहता है, जो हमें बहुत अधिक परेशान नहीं होने देता, फिर भी
ये जरूरी है, इस बुरे वक्त में हम संजीदा होकर अपने साथ-साथ दूसरों का भी ध्यान रखें।
कोविड-19 को
लेकर सरकार द्वारा जारी किए गए सभी सुझावों और निर्देशों का पालन करे। निरंतर व्यायाम
अवश्य करें, तथा स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करें । शरीर की रोग प्रतिरोधक
क्षमता को कमजोर न होने दें। अच्छे,सुपाच्य तथा स्वास्थ्यवर्धक भोजन का प्रयोग करें।
यदि किसी व्यक्ति को खांसी व बुखार का अनुभव हो
रहा है तो वह किसी के संपर्क में न आए । अपनी
आँख, नाक एवं मुंह को न छुएं। सार्वजनिक स्थलों पर न थूकें, आपसी
संपर्क जैसे -हाथ मिलाना, हाथ पकड़ना या गले मिलना आदि से बचें । मेज, कुर्सी, दरवाजे के हेण्डल, रैलिंग, दरवाजे
की घंटी आदि को छूने से बचें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बाहर से घर आने पर या अन्य लोगों से मिलकर आने पर हाथ
अच्छी तरह से साबुन से धोएँ। खाना बनाने,
खाने या बच्चों को खिलाने से पहले
हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएँ तथा खांसते या छींकते समय अपने चेहरे को हाथों
से छूने से पहले एवं बाद में हाथ अवश्य धोएँ।
इसके साथ
ही मानसिक स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें।नियमित
योग व प्राणायाम करें। घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों का आनंद उठाएँ। दौड़- धूप भरी
इस जिंदगी में परिवार के साथ समय बिताने के इस अवसर का लाभ उठाना है, आप चाहें
तो अच्छे साहित्य का भी अध्ययन कर सकते हैं,या फिर लेखन, गायन, वादन, बागवानी ,पाककला जैसे अपने किसी शौक को भी समय दे सकते हैं।
बस कुछ
भी करें , पर नकारात्मक विचारों को खुद पर हावी न होने दें। विश्वास रखें, हर बुरे
दौर की तरह ये दौर भी गुजर जाएगा।
आज की बात
में बस इतना ही....
... प्रदीप बहुगुणा ’दर्पण’